Wednesday 19 March 2014

चुप्पी - ऋता

163
चुप्पी -दीवार
खड़ी हो गई ऊँची
लाँघी न जाए ।
162
सनसनाते
बाहर के सन्नाटे
मन में शोर ।

No comments:

Post a Comment