Wednesday 19 March 2014

रेशमी डोर - ऋता

148

रक्षाबंधन

त्याग और प्रेम का

पवित्र पर्व

147

दृढ़ होता ये

लौह-जंजीर से भी

रक्षा का सूत्र

146

रेशमी धागा

श्रावण की पूर्णिमा

स्नेह-त्योहार

145

कुंकुंम -टीका

कलाई पे हो राखी

मुँह में मीठा

144

हरेक मोती

जो राखी में गूँथती

स्नेह से पगी

143

न हो उदास

भइया करे याद

राखी के दिन

142

भेंट न मिले

नखरीली बहना

मुँह फुलाए

-0-

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