148
रक्षाबंधन
त्याग और प्रेम का
पवित्र पर्व
147
दृढ़ होता ये
लौह-जंजीर से भी
रक्षा का सूत्र
146
रेशमी धागा
श्रावण की पूर्णिमा
स्नेह-त्योहार
145
कुंकुंम -टीका
कलाई पे हो राखी
मुँह में मीठा
144
हरेक मोती
जो राखी में गूँथती
स्नेह से पगी
143
न हो उदास
भइया करे याद
राखी के दिन
142
भेंट न मिले
नखरीली बहना
मुँह फुलाए
-0-
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