Wednesday 19 March 2014

पाती आई है - ऋता

221
सजनी भागी
पाती सजन की हो
आस ये जागी ।
220
पुत्र -कुशल
राहत मिल जाती
पाती जो आती ।
219
चिट्ठी में फूल
मीठे दर्द का शूल
कहीं चुभा है ।
218
नियुक्ति -पत्र
नवीन जीवन का 
आ गया सत्र ।
217
शब्दों में प्रीत
प्रफुल्लित है मीत
होठों पे गीत ।
216
तार का आना
मन का घबड़ाना
किसी का जाना ।
215
ख़त जो आए
कौन हँसे या रोए
जान न पाए ।
-0-

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