Tuesday 18 March 2014

वर्ष नवल - ऋता

134

आई है खुशी

आया है नव वर्ष

झूमके गाएँ।

133

राह नई हो

बस आगे ही हम

बढ़ते जाएँ।

132

आशा के दीप

जैसे  सीप का मोती

जगमगाएँ।

131

प्रेम से मिलें

दीन-दुखी को हम

गले लगाएँ।

130

हो सुवासित

जीवन की बगिया

बहे बयार।

129

नए साल ने

ले ली है अँगड़ाई

कली मुस्काई।

 128

खुशियाँ नाचें

गान भी हो मधुर

सभी के द्वार।

127

उल्लसित हैं

सारे पर्व-त्योहार

आना है फिर।

126

वर्ष नवल

चाह भी हो नवल

बने सफल।

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