35
कान्हा से प्रीत
जीवन में संगीत
जीने की राह।
34
तप- साधना
तप ही आराधना
तप ही प्रेम।
33
जीवन माया
भक्ति बनती छाया
क्यो भरमाया ?
32
अधीर मन
प्रभु के चरणों में
पाता है धीर।
31
फूलों को चुना
काँटे खुद ही मिले
भरा आँचल।
30
व्यथा के पीछे
तैयार हो रही है
जीवन कथा।
29
प्रेम की झोली
तपस्या फल भरे
जीवन पूर्ण।
-0-
अपना बना
ReplyDeleteतू सब को यहाँ पे
कोई न ग़ैर
---अशोक "अकेला "
मुबारक और शुभकामनायें........