172
स्वर्ग -अप्सरा
गुलमोहर चुन्नी
ओढ़ के आई ।
171
लाल सितारे
हरी चुनरी पर
लगते प्यारे ।
170
धरा की गोद
करते अठखेली
स्वर्ग के फूल ।
169
तपी धरती
लाल अँगार बना
गुलमोहर ।
168
लावण्य-भरा
अँखियों का सुकून
गुलमोहर ।
167
सर्पीली पत्ती
नरम मुलायम
अदा दिखाए ।
166
तपिश भूला
ताज़गी से झूमता
देता सन्देश ।
165
रब ने भेजा
स्वर्ग से गुलदस्ता
भेंटस्वरूप ।
164
गुलमोहर
दृग में सज जाते
स्वप्न रंगीले ।
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