500
मंद समीर
कचनार की कली
हौले से हिली
499
बजी सीटियाँ
बँसवारी में सखी
है पुरवाई
498
उड़ा कपास
हवा की दिशा का
मौन इशारा
497
योग अभ्यास
पवन संग डोले
खेतों में काँस
496
बासंती हवा
उड़ता मकरंद
बौराया बाग
495
फागुन आया
रूप रस गंध की
रंगीन हवा
494
समुद्री तट
शीतल बयार में
प्रेम का झोंका
493
सुहानी भोर
पुष्प के तंतु झुके
हवा की ओर
492
लू के थपेड़े
नर्म त्वचा की मूर्छा
तपी जिंदगी
491
तेज आ़ँधी
बैडमिंटन शटल
रंक की छत
--ऋता शेखर मधु'