379
काक उच्चारे
आएँगे पी तुम्हारे
द्वार सजा लो।
378
आदर्श शिष्य
करे काक सी चेष्टा
विद्या का धनी।
377
दिल कोमल
नीड़ में दुलारता
पर संतति।
376
पुत्र पितर
भावों का लेन देन
वाहक काक।
375
आत्मीय मृत्यु
करे पोरसिसिया
कौआ समाज|
374
बैठा था भूखा
लुचक लिया रोटी
ठगे से हम|
373
शुभ अशुभ
दोनों एक ही पाखी
बड़ा सयाना|
अटरिया पे आके
ReplyDeleteबोले जाये कागा
आयेंगे पिया।