हिन्दी दिवस पर समर्पित कुछ हाइकु-पुष्प...
323.
हिंद-संविधा
चौदह सितम्बर
हिन्दी दिवस|
322.
संविधा धारा
तीन सौ तेतालिस
वर्णित हिन्दी|
321.
राष्ट्र की भाषा
लिपि देवनागरी
बोलें तो हिन्दी|
320.
गरिमामयी
लेखन में सरल
सौम्य है हिन्दी|
319.
हिन्दी दीपक
रौशन हिन्दुस्तान
फैला उजास|
318.
सुख का मूल
भारतेन्दु को प्रिय
अपनी हिन्दी|
317.
माँ सी है प्यारी
मातृभाषा हमारी
जग में न्यारी|
316.
स्वदेशी हिन्दी
राष्ट्र का हो विकास
हिन्दी ही लिखें|
315.
रिश्ता प्रगाढ़
हिन्दी में जब बोलें
सारे ही प्रान्त|
314.
तुलसीदास
हिन्दी में रामायण
सब को मान्य|
313.
अ से अनार
इ से होती इमली
पढ़े विमली|
312.
अपनी बोली
हिन्दी होती है खास
दिल के पास|
311.
कर्ण को प्रिय
मिठास भरी हिन्दी
सहज ग्राह्य|
310.
सुनो संतन
है मधुर गुंजन
हिन्दी भजन|
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