Monday, 5 May 2014

आती है निशा

260
नभ में तारे
बच्चों की किलकारी
सजाती निशा|

259
घोर अँधेरा
डरा हुआ है चाँद 
अमा की रात|

258
निशा की खाट
सपनो की चादर
चैन की नींद|

257
निशा की गोद
थका निढाल तन
करे विश्राम|

256
नीरव रात
लिखे चैन से निशा
दिल की बात|

255
तम पिंजर
बंदिनी बनी उषा
छुड़ाए सूर्य

254
बंदिनी उषा
तम-पिंजर तोड़ें
सूर्य रश्मियाँ|

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