282.
एक ही चाह
हो सदा सुरक्षित
भइया मेरा।
281.
दुआ हजार
हर धागे में गुँथा
रेशमी प्यार।
280.
भाई के द्वार
देखो लेकर चली
अमूल्य प्यार।
279.
बाहें पसारे
बहना का स्वागत
भाई के द्वारे।
278.
सुन लो भाई
अबकी जो न आए
करूँ लड़ाई।
277.
शुभकामना
रेशमी डोरी संग
भाई ,थामना।
276.
देहरी खड़ी
भइया की बहना
ले राखी-लड़ी।
275.
शहीद भाई
सजा राखी की थाली
बहना रोई ।
274.
दूर हैं तो क्या
राखी के दोनो छोर
भाई -बहन।
273.
व्यस्त जीवन
राखी के दिन मिले
भाई बहन।
272.
रोली चंदन
लिफाफों ने निभाया
रक्षाबंधन
ब्लॉग बुलेटिन की रविवार १० अगस्त २०१४ की बुलेटिन -- रक्षाबंधन विशेष – ब्लॉग बुलेटिन -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ...
ReplyDeleteएक निवेदन--- यदि आप फेसबुक पर हैं तो कृपया ब्लॉग बुलेटिन ग्रुप से जुड़कर अपनी पोस्ट की जानकारी सबके साथ साझा करें.
सादर आभार!
बहुत आभार आपका!
Deleteहाइकू राखी के
ReplyDeleteबांधे स्नेह डोरी से
प्यारे रिश्ते के।
बहुत आभार आशा जी !
Deleteआभार!
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