Wednesday 30 November 2016

हवा हाइकु


500
मंद समीर
कचनार की कली
हौले से हिली
499
बजी सीटियाँ
बँसवारी में सखी
है पुरवाई
498
उड़ा कपास
हवा की दिशा का
मौन इशारा
497
योग अभ्यास
पवन संग डोले
खेतों में काँस
496
बासंती हवा
उड़ता मकरंद
बौराया बाग
495
फागुन आया
रूप रस गंध की
रंगीन हवा
494
समुद्री तट
शीतल बयार में
प्रेम का झोंका
493
सुहानी भोर
पुष्प के तंतु झुके
हवा की ओर
492
लू के थपेड़े
नर्म त्वचा की मूर्छा
तपी जिंदगी
491
तेज आ़ँधी
बैडमिंटन शटल
रंक की छत
--ऋता शेखर मधु'

Sunday 27 November 2016

लोरी...हाइकु में

490
लोरी सुहानी
बुन रही है माता
रिश्ते रुहानी
489
सुन के लोरी
निंदिया रानी आई
स्वप्न सजाई।
488
रोता है लल्ला
लोरी गा रही मम्मा
चाँद का चुम्मा।
487
दूध कटोरी
गोल गोल बताशा
मधुर लोरी।
486
अनाथालय
कल्पना बन आती
लोरी की धुन।
485
लोरी तकली
काते स्वप्न के धागे
माता की गोद।
484
लोरी हिरण
कुलाँचे भर लाये
निद्रा की सेज
483
मातृ विहीन
कौन सुनाये लोरी
कहता होरी
482
गोद है सूनी
कलप जाती लोरी
करुण स्वप्न
481
लोरी सलाई
बुन रही ममता
लाडो के ख्वाब
480
लोरी गाती माँ
सूनी रात में बजी
पूजा की घंटी।
479
लोरी सहेली
दबे पाँव ले आई
शिशु पलना
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ऋता शेखर 'मधु'
अंतर्जालीय पत्रिका 'सरस्वती दीप' पर प्रकाशित

Friday 25 November 2016

हाइकु में मृग

478
निर्मल मन
स्वपोषित कल्पना
कस्तूरी मृग
477
दानव छल
स्वर्ण मृग में ढला
मोहित सिया
476
ढूँढते दृग
इत्र सुगंध स्रोत
कस्तूरी मृग
475
अभयारण्य
कृष्ण मृगों के झुण्ड
कान्हा आभास
474
स्वार्थी हृदय
आखेटक हिरण
विपन्न स्वप्न
473
चीतल खाल
सुख दुःख का घेरा
चितकबरा
472
शशिर भोर
मृग छौना सी धूप
भागती फिरे
471
दूर क्षितिज
मृग की मरीचिका
खाली है हाथ
470
लोरी में बसा
मृग- छौने का प्यार
जीवन सार
469
शिकारी व्याघ्र
सरलमना मृग
चौकस नैन
468
बारहसिंगा
दलदल का मृग
संकटग्रस्त
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ऋता शेखर ‘मधु’

Thursday 17 November 2016

चरखा

467.
देश में चर्चा
स्वाभिमानी चरखा
बापू का सखा
466.
खादी का यंत्र
चरखा पर चला
आजादी मंत्र
465.
खड़ा चरखा
आठ पाँत का चक्र
खंभे फरई
464.
चरखा चक्की
बुनियादें हैं पक्की
नींव सुदृढ़
463.
जनमानस
लोकप्रिय चरखा
हित प्रतीक
462.
एक चरखा
औसतन कताई
बत्तीस हैंक
461.
मन में गाँधी
तन पर थी खादी
मिली आजादी
460.
जनमानस
लोकप्रिय चरखा
हित प्रतीक
459.
मन तकली
यादों का सूजा लगा
कातती स्वप्न
458.
खिला कपास
तकली पर नाची
सूत की आस
457.
चाक का व्यास
तकुआ की बारीकी
चरखा न्यास

--ऋता शेखर 'मधु'

Sunday 13 November 2016

बाल दिवस

Image result for चाचा नेहरू
456
सुनाएं गीत
दृष्टिहीन बालाएँ
मन की मीत।
455
मन सशक्त
व्हील चेयर पर
चले दिव्यांग
454
खेल खिलौने
शिशुओं ने दिखाई
अबोली ख़ुशी
453
मम्मी या पापा
कौन है ज्यादा प्यारा?
मुस्काये बच्चे
452
हम खेलेंगे
बचपन जी लेंगे
बच्चे आएँग

451
बड़ों के बाप
आधुनिक बालक
बड़े चालाक


450
ऊर्जा नवल
विश्वास है प्रबल
बाल कँवल
449
एक कदम
बढ़े शिक्षा की ओर
कन्या विभोर
448
बाल लगाव
कम्प्यूटर जगत
बढ़े जुड़ाव
447
घर की खुशी
नन्ही सी किलकारी
माँ बलिहारी
446
बच्चों के प्यारे
बच्चों से करें प्यार
चाचा हमारे
445
नन्हे कदम
बढ़ते जाते आगे
बड़े हैं पीछे
444
स्वप्न से पगी
मंजिल की चाहत
बच्चों की सगी
443
मिटी थकान
बच्चे ने जब दी है
एक मुस्कान
442
बालक मन
भेद भाव से दूर
खुली किताब
441
बच्चों के साथ
नेहरू की जेब में
खिले गुलाब
--ऋता शेखर 'मधु'

Saturday 12 November 2016

शरद पूनो

440
इतरा गई
शरद की सुन्दरी
मोहक निशा
439
कतकी चौथ
छलनी से चंद्रमा
पिया दर्शन
438
पूनो कौमुदी
मुदित महारास
शरद मास
437

ग्रह की दशा

नक्षत्रों की चाल में 
जीवन अर्थ
436

पूनो की चित्रा

माह नामकरण
चैत्र के संग
435

बढ़ी मिठास

श्रावणी हरियाली
आर्द्रा की खीर
434
माह की अमा
दिवस सोमवार
पीपल पूजा


Wednesday 9 November 2016

उड़ी दुआएँ

433
उडी दुआएँ
सरहद पहुंची
माँ तपस्विनी।
432
दो दिल मिले
सरहद के पार
रिश्तों में ढले।
431
उन्मुक्त हवा
तोड़ती सरहदें
आर से पार।।।
430
दोनों फ़क़ीर
सरहद पर है
एक लकीर।
429
सरहद से
आ गया है सन्देश
प्रिया बावरी।
428
बिखेरे ज्योति
सरहद का दीप
दोनों ही ओर।
427
सूर्य रश्मियाँ
किसके रोके रुकें
एक तरफ।
426
चली बन्दूक
सरहद थर्राया
भरे ताबूत।
425
कंटीली बाड़
सरहद पे उगी
हठीली झाड़।
424
वीर जवान
सरहद के पार
दिए सबक।