Tuesday 9 June 2015

काक उच्चारे


379

काक उच्चारे


आएँगे पी तुम्हारे

द्वार सजा लो


378

आदर्श शिष्य


करे काक सी चेष्टा

विद्या का धनी।


377

दिल कोमल


नीड़ में दुलारता

पर संतति।


376

पुत्र पितर


भावों का लेन देन

वाहक काक।


375

आत्मीय मृत्यु


करे पोरसिसिया

कौआ समाज|


374

बैठा था भूखा


लुचक लिया रोटी

ठगे से हम|


373

शुभ अशुभ


दोनों एक ही पाखी

बड़ा सयाना|